B Ed ka full form, B Ed करने के क्या हैं फायदे? B Ed कोर्स की पुरी जानकारी

बी. एड की डिग्री के क्या क्या फायदे हैं? हम जानते हैं बी. एड करने का मुख्य कारण एक शिक्षक पद को प्राप्त करना | और एक कुशल शिक्षक समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल ज्ञान को प्राप्त करते हैं, बल्कि अच्छे मूल्यों, नैतिकता, और सामाजिक दायित्व की शिक्षा भी देते हैं। उनका योगदान समाज के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण होता है।  इस लेख के माध्यम से आज हम B Ed ka full form, B Ed करने के फायदे, सिलेबस और B Ed कोर्स की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे |

संक्षिप्त संक्षिप्त में कहें तोह  बीएड कोर्स शिक्षकों का विकास कई प्रकार से करता है। यह उन्हें शिक्षा विधियों, शिक्षण तकनीकों, मनोविज्ञान, और विषय-विशेष ज्ञान में मजबूती प्रदान करता है। साथ ही, इसके माध्यम से शिक्षक शिक्षा के महत्व को समझते हैं और छात्रों के विकास में योगदान करने के लिए सक्षम होते हैं। इससे उनकी पेशेवर और नैतिक गुणवत्ता भी बढ़ती है।

Whatsapp-par-jude-smart-studentlife

B Ed ka Full Form, बी. एड. क्या हैं ?

B Ed का full form“बैचलर ऑफ़ एजुकेशन (bachelor of education) हैं, जो एक स्नातक की डिग्री होती है जो शिक्षक बनने के लिए आवश्यक होती है। 2 साल का बीएड कोर्स करना है तो आपके पासकोई भी ग्रैजुएशन (बीए, बीएससी, बीकॉम ) की डिग्री होनी चाहिए|

B Ed करने के क्या क्या फायदे हैं?

बी. एड.करने के बाद आपको निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं

  • बीएड कोर्स करके आप उच्च कोटि के टीचर बन सकते हैं. बीएड कोर्स करने के बाद आप प्राइवेट या सरकारी टीचर बन सकते हैं | बीएड कोर्स में सैद्धांतिक और व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया जाता है जिससे आपको उच्च कोटि के ज्ञान की प्राप्ति होती है| विशेष शिक्षकों का औसत वेतन प्रति माह ₹16,114 या प्रति वर्ष ₹2,27,590 है। उनका वेतन उनके अनुभव, स्थान, प्रमाणपत्र और अन्य कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है।
  • आय के अच्छे स्रोत: B Ed करने के बाद यदि आप एक टीचर के रूप में नौकरी पाते हैं तो आपको औसतन ₹40000 से ₹50000 प्रति महीना तक कि सैलरी मिल सकती हैं।
  • स्पेशल बीएड के कोर्स से शिक्षक के क्षेत्र में आप दिब्यांग को शिक्षा से अवगत कराते हैं | स्पेशल बी. एड कोर्स में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाती है। दिव्यांग बच्चों की विशेष तरह की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही इस कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें सुनने, बोलने व अक्षमता, दृष्टि बाधित, मानसिक विकलांगता आदि दिव्यांगों के लिए सिलेबस का संचालन किया जाता है।
  • बी.एड पूरा करने के बाद आपकी रुचि के आधार पर आपको एक स्थायी, अस्थायी, अंशकालिक या पूर्णकालिक के रूप में एक शिक्षण पद की पेशकश की जा सकती है। बी.एड के साथ, आप शैक्षिक सेटिंग्स जैसे स्कूल, शिक्षा विभाग, कोचिंग सेंटर, शिक्षा परामर्श, निजी ट्यूशन सेंटर आदि में काम कर सकते हैं
  • स्वरोजगार के रूप में यदि आपके पास आवश्यक वित्तीय संसाधन और प्रबंधन कौशल है, तो आप अपना स्कूल भी शुरू कर सकते हैं। आप एक छोटा स्कूल स्थापित करके शुरुआत कर सकते हैं। बैंक नए स्कूल खोलने के लिए भी धन उपलब्ध कराते है
  • बीएड (Bachelor of Education) कोर्स व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में कौशल और ज्ञान प्रदान करता है। बी.एड कोर्स करने से न केवल पेशेवर कौशल बढ़ता है बल्कि व्यक्तिगत विकास को भी बढ़ावा मिलता है। शिक्षकों में मजबूत संचार और पारस्परिक कौशल विकसित होते हैं, जो प्रभावी शिक्षण और छात्रों, अभिभावकों और सहकर्मियों के साथ सकारात्मक संबंध बनाने के लिए आवश्यक हैं।। इस कोर्स के दौरान, छात्र शिक्षा के तात्कालिक प्रयोग और अभिकल्पों के बारे में सीखते हैं, जो उनके व्यक्तिगत विकास को संवारने में मदद करता है।

B Ed के बाद क्या आप शिक्षक के विभिन्न स्तरों पर जा सकते हैं

B Ed के बाद आप विभिन्न स्तरों पर शिक्षक बन सकते हैं, जैसे:

  • प्राथमिक शिक्षक: प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा देने वाले शिक्षक बन सकते हैं।
  • माध्यमिक शिक्षक: माध्यमिक विद्यालयों में विषय विशेष शिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं।
  • उच्चतर प्राथमिक शिक्षक: बालक और बालिका विद्यालयों में उच्चतर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा देने वाले शिक्षक के रूप में कार्य कर सकते हैं।
  • कॉलेज शिक्षक: स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा देने वाले शिक्षक बन सकते हैं।
  • इनके अलावा, आप सरकारी शिक्षा विभाग में अन्य शिक्षा संबंधी पदों पर भी काम कर सकते हैं, जैसे शैक्षिक प्रबंधन, पाठ्यक्रम विकास, शिक्षा योजना निर्माण आदि।

बी. एड. (B Ed) कोर्स का क्या महत्व हैं ?

बी.एड. कोर्स शिक्षक बनने के लिए आवश्यक होता है। इसमें शिक्षा के विभिन्न पहलुओं जैसे शिक्षण तकनीक, विद्यालय के प्रबंधन, शिक्षा मनोविज्ञान, और शिक्षा नीतियों का अध्ययन किया जाता है। इसका महत्व यह है कि यह छात्रों को शिक्षण क्षेत्र में एक पेशेवर रूप से सशक्त बनाता है और उन्हें उच्चतम स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए तैयार करता है।

B Ed करने के लिए योग्यता

बी. एड प्रवेश के लिए पात्र होने के लिए सभी उम्मीदवारों को किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स) में ग्रेजुएशन पूरा करना होगा। ग्रेजुएशन स्तर में कोर्सेज के लिए न्यूनतम अंकों की आवश्यकता 50 से 55% है। आर्ट्स/कॉमर्स/साइंस से संबंधित उम्मीदवार अपने ग्रेजुएशन कोर्स के आधार पर अपनी स्पेशलाइजेशन का चयन कर सकते है और उस विषय से आप बी. एड. (B. Ed.)कर सकते हैं |

B Ed कोर्स की अवधि (course duration)

  1. 2 वर्ष : यदि आप किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन कर चुके हैं  तो आपको 2 साल का B.Ed कोर्स करना होगा |
  2. 5 वर्ष : यदि आप 12वीं कक्षा के बाद B.Ed करना चाहते हैं तो आपको 5 साल का बी. एड. कोर्स करना होगा |

B Ed कोर्स का पाठ्यक्रम और सेलेबस

बीएड कोर्स का पाठ्यक्रम और सिलेबस शिक्षा संस्थान और विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार विभिन्न होता है। लेकिन आमतौर पर, इसमें शिक्षा तथा विकास, विद्यार्थी के मनोविज्ञान, शिक्षा के तत्व, शिक्षण कौशल, संचालन और प्रबंधन, और विद्यालय में अध्ययन कराने के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को शिक्षण में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करता है।

B Ed कौन कौन विषय से कर सकते है ?

बी.एड. (Bachelor of Education) में विभिन्न विषय होते हैं जो छात्रों को शिक्षा में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करते हैं जैसे :

  • विज्ञान (Science): इसमें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को समझाया जाता है और विज्ञान सिखाने के विभिन्न तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • सामाजिक विज्ञान (Social Science): इसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र आदि शामिल होते हैं, जो समाज के विभिन्न पहलुओं को समझाने में मदद करते हैं।
  • गणित (Mathematics): गणित को शिक्षित करने के विभिन्न तरीकों और उनके अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • भाषा (Language): इसमें भाषा शिक्षण की विभिन्न पहलुओं को अध्ययन किया जाता है, जैसे कि भाषा विकास, पठन-लेखन, भाषा कौशल आदि।

यहाँ तक कि अन्य क्षेत्रों जैसे कि कला, संगीत, व्यावसायिक शिक्षा आदि में भी बी.एड. किया जा सकता है, लेकिन यह विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों पर निर्भर करता है कि वे कौन-कौन से विषयों में यह पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं

B Ed की फीस कितनी है 2024?

भारत में औसत B. Ed. कोर्स शुल्क राज्य, विश्वविद्यालय और कॉलेज के प्रकार के आधार पर 30,000 रुपये से 2 लाख रुपये के बीच है। सरकारी कॉलेज में सबसे कम फीस 30,000 रुपये से 1 लाख रुपये के बीच लेते हैं, जबकि निजी (प्राइवेट) विश्वविद्यालयों और स्व-वित्तपोषित कॉलेजों में प्रति वर्ष 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक अधिक फीस होती है।

यूपी के प्राइवेट कॉलेजों में बीएड की फीस ₹30000 से ₹50000 सालाना निर्धारित की गई है।

B Ed प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam) एवं एक्जाम पैटर्न

  • UP Ed एंट्रेंस एग्जाम में दो पेपर, दो पालियो में, तथा प्रत्येक पेपर तीन घंटे का होता है|
  • प्रत्येक प्रश्न के सही उत्तर के लिए 2 अंक मिलते हैं |
  • दोनों पेपर मिलाकर (200+200) 400 अंक के होते हैं |
  • नेगेटिव मार्क्स 0.33 अंक |

पेपर -1  (कुल समय 3 घंटा, प्रश्न- 100, Total marks -200 )

    • सामान्य ज्ञान करंट अफेयर्स के 50 प्रश्न 100 अंक के
    • भाषा (हिंदी/इंग्लिश) इनमें से कोई एक- 50 प्रश्न 100 अंक के

 पेपर -2 ( कुल समय- 3 घंटा, प्रश्न- 100, Total marks –200 )

    • सामान्य अभिरूचि परीक्षण( general aptitude test)- 50 प्रश्न, 100 अंक के
    • विषय योग्यता (कला/विज्ञान/वाणिज्य/कृषि)– 50 प्रश्न, 100 अंक के

बी.एड. प्रवेश परीक्षा (entrance exam)

भारत के विभिन्न राज्यों के यूनिवर्सिटी में होने वाले विभिन्न बीएड प्रवेश परीक्षा ( entrance exam)  होते हैं इसमें कुछ अलग-अलग यूनिवर्सिटी खुद का एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करवाती है जैसे की :

  • इलाहाबाद यूनिवर्सिटी B Ed एंट्रेंस टेस्ट
  • जम्मू एंड कश्मीर बोर्ड
  • छत्तीसगढ़ प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड
  • उत्तर प्रदेश ज्वाइंट एंटरेंस टेस्ट
  • हिमाँचल प्रदेश यूनिवर्सिटी बी. एड. एंट्रेंस टेस्ट

बी. एड. करने के बाद सरकारी शिक्षक कैसे बने

बी.एड करने के बाद सरकारी अध्यापक बनने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:

टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करें: भारत में अध्यापन में शामिल होने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है। यह राज्य वारीय होता है और आपके राज्य के अनुसार TET पास करना होगा। टीईटी पास करने के बाद ही आप सरकारी स्कूलों में आवेदन कर सकते हैं।

टेट (TET)क्या होता है?

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट – टीईटी) एक प्रमाण पत्र परीक्षा होती है जो भारत में शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन के लिए योग्यता की जांच करती है। इस परीक्षा को उन परीक्षाओं के लिए आयोजित किया जाता है जो शिक्षा क्षेत्र में काम करने के लिए मौजूद हैं, टेट के माध्यम से शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता और शिक्षा में कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। यह परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित होती है और विभिन्न पात्रताओं और विषयों पर ध्यान केंद्रित करती है। टीईटी पास करना अध्यापन क्षेत्र में काम करने के लिए माना जाता है तब सरकारी स्कूलों में आपकी नियुक्ति होती है |

B. Ed करने के बाद जॉब के अवसर (Career Opportunity)

 

Job (जॉब)

Salary ( वेतन)

Govt. School teacher

5.5 to 7.5 LPA

Home tutor

2.5 to 4.5LPA

Principal

11 LPA

Private tutor

2 to 4 LPA

Education researcher

1.0 to 19 LPA

Librarian

1 to 6 LPA

Education consultant

4.9 LPA

College Professor

5 to 12 LPA

Content writer

1 to 3 LPA

Instructor

3.5 LPA

 

 

 


 

 


 

Author

  • Preeti S

    Preeti is a graduate who works with students and helps them guide with their career after their primary and secondary education. She writes on www.smartstudentlife.com on various topics related to education, jobs, career and government schemes.

    View all posts
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

Share Karein