सरकारी डॉक्टर कैसे बने? योग्यता, प्रवेश परीक्षा,वेतन, सैलरी, और अन्य तथ्यों की पुरी जानकारी 

सरकारी डॉक्टर बनना एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक पेशा है जो न केवल समाज के लिए बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी संतोषप्रद होता है। यह पेशेवर उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो मानव सेवा में अपना जीवन बिताना चाहते हैं। डॉक्टर बनने के लिए आपको लम्बे समय तब गहन अध्ययन व धैर्य के साथ आपको लग कर के डॉक्टर बनने के लक्ष्य को प्राप्त करना है इसलिए आइये जानते है डॉक्टर बनने के लिए हमें सारे जानकारी को लेकर आगे बढ़े |

सरकारी डॉक्टर बनने के लिए व्यक्ति को विशेष शिक्षा, प्रशिक्षण और परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। इस लेख में, हम इस प्रक्रिया को समझेंगे और जानकारी प्रदान करेंगे कि सरकारी डॉक्टर बनने के लिए कौन-कौन से कदम उठाने होते हैं.

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Table of Contents

डॉक्टर बनने के लिए योग्यताएँ 

डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ आवश्यक होती हैं:

शैक्षिक योग्यता: 

सर्वप्रथम 10वी कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास करना होगा , फिर, आपको 12वीं कक्षा भी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, जिसमें रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिक विज्ञान होना चाहिए।

प्री-मेडिकल परीक्षा: 

आपको PMT (Pre-Medical Test) या NEET (National Eligibility cum Entrance Test) जैसी प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा 12वी कक्षा के बाद उत्तीर्ण करनी होगी। इस परीक्षा के माध्यम से आप चिकित्सा कॉलेज में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।

कॉलेज में प्रवेश:

एक बार जब आप PMT या NEET परीक्षा में सफल हो जाते हैं, तो आपको चिकित्सा कॉलेज में प्रवेश मिल सकता है। वहां पाठ्यक्रम का पालन करते हुए और परीक्षाएं पास करते हुए आप चिकित्सा डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।

अभ्यास और नौकरी में रुचि

चिकित्सा क्षेत्र में अध्ययन के लिए आपकी रूचि और आपके प्रयास बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं इसके बाद, आपको नौकरी की तलाश करनी होगी जैसे कि सरकारी अस्पताल, निजी अस्पताल, या अन्य चिकित्सा संस्थानों में।

इन योग्यताओं को पूरा करने के बाद, आप सरकारी डॉक्टर बनने के लिए योग्य हो सकते हैं|

सरकारी डॉक्टर बनने के लिए विभिन्न कोर्सज 

सरकारी डॉक्टर बनने के लिए विभिन्न कोर्सेज निम्नलिखित हो सकते हैं:

MBBS (Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery):

यह एक पांच वर्षीय कोर्स है जिसे मेडिकल कॉलेजों में पूरा किया जाता है। MBBS (Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery) एक पेशेवर चिकित्सा कोर्स होता है जो कि चिकित्सा क्षेत्र में अध्ययन के लिए डिग्री प्राप्त करने के लिए होता है।

MBBS कोर्स की अवधि आमतौर पर 5.5 साल से 6.5 साल तक होती है, जिसमें विभिन्न चरणों में विभिन्न विषयों का अध्ययन किया जाता है। यह पाठ्यक्रम छः या पांच वर्षों की अध्ययन के बाद, अंतिम वर्ष में इंटर्नशिप या रेजिडेंसी के रूप में प्रशिक्षण की गारंटी दिती है।

इस कोर्स को पूरा करने के बाद, छात्र MBBS डिग्री प्राप्त करते हैं और उन्हें मेडिकल प्रैक्टिशनर के रूप में चिकित्सा में नौकरी या स्वतंत्र रूप से अपना काम करने की अनुमति मिलती है।

BAMS (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery):

BAMS डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित कदम अनिवार्य होते हैं:

  • शैक्षणिक योग्यता: BAMS कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा पास होना जरूरी होता है, विशेषतः विज्ञान स्ट्रीम (Physics, Chemistry, Biology).
  • प्रवेश परीक्षा: BAMS के लिए एक प्रवेश परीक्षा दी जाती है, जैसे NEET (National Eligibility cum Entrance Test). NEET क्वालिफाई करने के बाद ही आप BAMS में प्रवेश पा सकते हैं.
  • BAMS कोर्स अवधि: BAMS कोर्स की अवधि पांच वर्ष होती है, जिसमें विभिन्न विषयों पर पढ़ाई की जाती है जैसे कि आयुर्वेद, शल्य चिकित्सा, रसायन शास्त्र आदि.

MD/MS (Doctor of Medicine/Master of Surgery):

यह पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जो स्पेशलाइजेशन के लिए किया जाता है। इसमें विभिन्न विषयों में स्पेशलाइजेशन की जा सकती है, जैसे की इंटरनल मेडिसिन, सर्जरी, गाइनीकोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स आदि।

DM/MCh (Doctorate of Medicine/Master of Chirurgiae):

ये भी पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होते हैं जो सुपर स्पेशलिटीज़ेशन के लिए होते हैं। उदाहरण के लिए, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी आदि।

DNB (Diplomate of National Board):

यह भी एक स्पेशलाइजेशन का कोर्स होता है जो कि डॉक्टर बनने के बाद लिया जा सकता है।

इन कोर्सेज के बाद, आप सरकारी डॉक्टर बन सकते हैं। यह सभी कोर्सेज भारतीय मेडिकल संस्थानों और अन्य अधिकृत संस्थानों से प्राप्त किए जा सकते हैं।

डॉक्टर बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी पड़ती है?

डॉक्टर बनने के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएँ जिन्हे पास कर के आप डॉक्टर बनने के लिए UG और PG प्रोग्राम कर सकते है –

  • NEET (National Eligibility cum Entrance Test): यह भारत में मेडिकल कोलेजों में MBBS और BDS कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा है।
  • AIIMS (All India Institute of Medical Sciences) Entrance Exam: AIIMS द्वारा आयोजित परीक्षा है जो MBBS के लिए प्रवेश के लिए होती है।
  • JIPMER (Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research) Entrance Exam: JIPMER भी MBBS के लिए प्रवेश के लिए एक और प्रमुख परीक्षा है।
  • PG Entrance Exams: इनमें NEET-PG, AIIMS PG, JIPMER PG जैसी परीक्षाएँ शामिल हैं, जो MD/MS या DM/MCh के प्रवेश के लिए होती हैं।
  • State-Level Entrance Exams: राज्यों में भी अलग-अलग प्रकार की प्रवेश परीक्षाएँ होती हैं जो MBBS और BDS के लिए होती हैं। उदाहरण के लिए, UPCMET (Uttar Pradesh Combined Medical Entrance Test), MH-CET (Maharashtra Common Entrance Test) आदि।

इन परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के बाद ही आप डॉक्टर बनने के लिए विभिन्न कोर्सेज के लिए प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।

डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक स्किल

डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण स्किल्स आवश्यक होते हैं:

  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: डॉक्टर होने के लिए वैज्ञानिक सोच की समझ होनी चाहिए, जिससे आप रोग और उसके इलाज के बारे में गहराई से समझ पाएं।
  • संवेदनशीलता और संवाद क्षमता: डॉक्टर को रोगियों के साथ संवाद करने में सक्षम होना चाहिए, ताकि वे सही रोग निदान कर सकें और सही उपचार प्रदान कर सकें।
  • समस्याओं को हल करने की क्षमता: चिकित्सकों को रोगियों की समस्याओं को ठीक करने के लिए योजना बनाने और कार्रवाई करने में सक्षम होना चाहिए।
  • समय प्रबंधन: डॉक्टरों को समय का सही उपयोग करके एकाग्रता से और तेजी से रोगियों की सेवा करनी होती है।
  • टीम वर्क और सहयोग: डॉक्टरों को अन्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ मिलकर काम करने की क्षमता होनी चाहिए, जैसे कि नर्सेस, फार्मासिस्ट्स और अन्य स्वास्थ्य सहायक।
  • सामाजिक संज्ञान: डॉक्टरों को समाज के साथी, समाजिक समस्याओं और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की समझ होनी चाहिए।

इन स्किल्स का सम्मान और विकास चिकित्सा कॉलेज के दौरान और अनुभव के माध्यम से होता है, जो डॉक्टर बनने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

सरकारी डॉक्टर के कार्य एवं जिम्मेदारियां

सरकारी डॉक्टरों की कार्य व जिम्मेदारी विभिन्न होती है और इसमें उनके काम का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक सेवा और रोगी की देखभाल होती है। यहां कुछ मुख्य कार्य सम्मिलित किए गए हैं:

रोगी की देखभाल: सरकारी डॉक्टरों का मुख्य काम होता है रोगियों की चिकित्सा प्रदान करना। यह उन्हें रोगी की बीमारी का निदान करने, उसका उपचार प्रस्तुत करने और उसकी सेवाओं की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार बनाता है।

अस्पताल और स्वास्थ्य संस्थानों में कार्य: वे सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में काम करते हैं और वहां के रोगियों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं।

सरकारी डॉक्टरों का योगदान स्वास्थ्य कार्यक्रमों और योजनाओं में भी होता है, जैसे बच्चों के टीकाकरण, जनसंख्या नियंत्रण, मां-शिशु स्वास्थ्य आदि।

समुदाय सेवा: वे अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए समुदाय के साथ मिलकर काम करते हैं और स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता बढ़ाते हैं।

सरकारी डॉक्टरों की इन कार्यों के माध्यम से समाज में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुँचाया जाता है और उनका योगदान समुदाय की स्वास्थ्य और भलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सरकारी डॉक्टर बनने में कितना खर्च आता है

सरकारी डॉक्टर बनने में खर्च की राशि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि:

कॉलेज फीस: MBBS के लिए विभिन्न सरकारी और निजी कॉलेजों में फीस भिन्न होती है। सरकारी कॉलेजों में फीस काफी कम होती है जबकि निजी कॉलेजों में अधिक होती है। इसका माध्यमिक रूप से भारतीय नागरिक के लिए सरकारी कॉलेजो अध्ययन कर कम खर्चे में डॉक्टर की पढ़ाई कर सकते हैं|

सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस कम से कम 5,000 रुपये से ले कर 15,000 रुपये प्रति सेमेस्टर के बीच है। जबकि 

प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस 10 लाख से 25 लाख रुपये के बीच है और इससे ज्यादा भी हो सकती है |

भारत के प्रसिद्ध मेडिकल यूनिवर्सिटी & कॉलेज

सरकारी मेडिकल कालेज 

MBBS के लिए भारत में कई सरकारी कॉलेज हैं जो NEET (National Eligibility cum Entrance Test) के माध्यम से एडमिशन प्रदान करते हैं। यहां कुछ प्रमुख सरकारी MBBS कॉलेजों के नाम दिए गए हैं: 

  1. All India Institute of Medical Sciences (AIIMS)भारत भर में कई AIIMS संस्थान हैं, जैसे AIIMS New Delhi, AIIMS Bhopal, AIIMS Patna, AIIMS Jodhpur, AIIMS Raipur, AIIMS Rishikesh, AIIMS Bhubaneswar, AIIMS Nagpur, AIIMS Guntur, AIIMS Gorakhpur, AIIMS Bathinda और AIIMS Kalyani
  2. Maulana Azad Medical College (MAMC), New Delhi – यह दिल्ली का एक प्रमुख सरकारी मेडिकल कॉलेज है।
  3. King George’s Medical University (KGMU), Lucknow – इसे लखनऊ में स्थित चिकित्सा विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाता है।
  4. Armed Forces Medical College (AFMC), Pune यह एक प्रमुख सेना कॉलेज है जो भारतीय सशस्त्र सेना के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
  5. Lady Hardinge Medical College (LHMC), New Delhi – यह एक प्रमुख महिला छात्रों के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज है।
  6. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज (Institute of Medical Sciences, Banaras Hindu University), वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
  7. जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education & Research), पुडुचेरी।

Noteइन सरकारी कॉलेजों में प्रवेश के लिए NEET का उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है। छात्रों को NEET के अनुसार रैंक के आधार पर अलग-अलग कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।

भारत के प्रसिद्ध प्राइवेट मेडिकल यूनिवर्सिटी कॉलेज

भारत में कई प्रसिद्ध निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी कॉलेज हैं, जिनमें अधिकतर अध्ययन कार्य और चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यहां कुछ प्रमुख प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों का उल्लेख किया जा सकता है:

  • मनीपाल एकाडेमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (Manipal Academy of Higher Education) – कर्नाटका में स्थित, इसका मुख्य कैम्पस मनीपाल और औरंगाबाद में भी है।
  • क्रिस्टल मेडिकल कॉलेज (Christian Medical College) वेल्लोर, तमिलनाडु में स्थित, यह एक प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज है जो चिकित्सा और अनुसंधान में मान्यता प्राप्त है।
  • वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Vellore Institute of Medical Sciences) – तमिलनाडु में स्थित, यह भी एक उच्च गुणवत्ता वाला मेडिकल कॉलेज है।
  • मनिपाल संगठन (Manipal Group) – यह ग्रुप भारत भर में कई और विशिष्ट स्थानों पर मेडिकल कॉलेजों का प्रबंधन करता है, जैसे कि मनिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (मनीपाल, कर्नाटका) और कसौली, हिमाचल प्रदेश में केदारनाथ मेडिकल कॉलेज।
  • लोयोला मेडिकल कॉलेज (Loyola Medical College) – चेन्नई, तमिलनाडु में स्थित, यह भी एक प्रसिद्ध निजी मेडिकल कॉलेज है।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं और भारत में और भी कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं जो अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं।

सरकारी डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?

सरकारी डॉक्टर की शुरुवाती दौर में कम से कम 3.5 लाख से 5.5 लाख औसत सैलरी होती है वक्त व अनुभव बढ़ने वरिष्ठ डॉक्टर की सैलरी 10 से 12 लाख तक होती है |

निजी अस्पतालो में शुरुवाती MBBS डॉक्टर की सैलरी 8 से 12लाख रूपये तथा अनुभवी डॉक्टर की सैलरी 30 लाख या उससे अधिक हो सकता है 

12के बाद सरकारी डॉक्टर कैसे बने ?

12वीं कक्षा के बाद सरकारी डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित कदम अनिवार्य हैं:

  1. NEET की तैयारी करें: NEET की तैयारी के लिए अच्छे स्टडी मैटेरियल्स, बुक्स और ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल का उपयोग करें। इसके लिए कई संसाधन और कोचिंग संस्थान उपलब्ध हैं।
  2. NEET (National Eligibility cum Entrance Test) दें: भारत में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS के लिए प्रवेश के लिए NEET परीक्षा देना अनिवार्य है। NEET राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होती है और इसका प्रावधान स्वतंत्र और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होता है।
  3. MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश पाएं: NEET के माध्यम से अच्छे रैंक प्राप्त करने के बाद, आपको MBBS के प्रवेश के लिए स्वतंत्र और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिल सकता है। यह आपके रैंक पर निर्भर करता है।
  4. MBBS कोर्स पूरा करें: MBBS कोर्स को पूरा करने के बाद, आपको इंटर्नशिप के रूप में प्रशिक्षण लेना होगा जो कुछ वर्षों का होता है।
  5. विशेषता या स्पेशलाइजेशन चुनें: इंटर्नशिप के बाद, आपको किसी विशेषता या स्पेशलाइजेशन में अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए विकल्प मिलते हैं।

इन कदमों को पूरा करने के बाद, आप सरकारी डॉक्टर के रूप में काम कर सकते हैं, जैसे कि सरकारी अस्पतालों में, जिला अस्पतालों में, और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में।


Author

  • Preeti S

    Preeti is a graduate who works with students and helps them guide with their career after their primary and secondary education. She writes on www.smartstudentlife.com on various topics related to education, jobs, career and government schemes.

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