CTET – Smart Student Life https://www.smartstudentlife.com A one stop place for students to get guidance about their career and education Wed, 23 Oct 2024 10:54:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://www.smartstudentlife.com/wp-content/uploads/2024/07/Smart-Student-Life-Icon-150x150.png CTET – Smart Student Life https://www.smartstudentlife.com 32 32 प्राइमरी टीचर कैसे बने ? एक विस्तृत मार्गदर्शिका https://www.smartstudentlife.com/primary-teacher-kaise-bane/ https://www.smartstudentlife.com/primary-teacher-kaise-bane/#respond Wed, 23 Oct 2024 10:39:45 +0000 https://www.smartstudentlife.com/?p=268 Read more]]> भारत में प्राइमरी टीचर बनने का सपना देखने वाले अनेक युवाओं के मन में यह सवाल अक्सर आता है कि “प्राइमरी टीचर कैसे बनें ?” इस लेख में, हम इस जानकारी का विश्लेषण करेंगे और आपको प्राइमरी टीचर बनने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाने की कोशिश करेंगे। यह जानकारी आपको इस पेशे में प्रवेश करने के लिए आवश्यक योग्यताओं, कौशलों, और प्रक्रियाओं को समझने में मदद करेगी।

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प्राइमरी टीचर बनने के लिए आपको सबसे पहले शैक्षणिक योग्यताओं को पूरा करना होगा। प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए 12वीं पास होना और उसके बाद D.Ed, B.Ed अथवा BTC जैसे शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स करना जरूरी है। इसी के साथ आपको राज्य और केंद्र स्तर पर आयोजित होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा को भी पास करना होगा।

अपनी योग्यता और परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें कौशल और व्यक्तिगत गुणों का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जैसे कि बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार और धैर्य। इन सभी योग्यताओं और गुणों के आधार पर आपको आसानी से प्राइमरी टीचर की नौकरी मिल सकती है।

प्राइमरी शिक्षक बनने के कई लाभ हैं, जैसे कि समाज में सम्मान, स्थिर करियर, और बच्चों के भविष्य को संवारने का मौका। अगर आप संबंधित संस्थानों से मार्गदर्शन लेते हैं तो आपको इस क्षेत्र में और भी आगे बढ़ने के अवसर मिल सकते हैं।

मुख्य बिंदु

  1. शैक्षिक योग्यता: 12वीं कक्षा उत्तीर्ण और D.El.Ed/BTC या B.Ed कोर्स।
  2. शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET): राज्य या केंद्रीय स्तर पर।
  3. आवश्यक कौशल: संचार कौशल, धैर्य, नवाचार, और नेतृत्व क्षमता।
  4. रोजगार के अवसर: सरकारी, निजी स्कूल, एनजीओ और शैक्षिक संस्थान।

शैक्षणिक योग्यता

प्राइमरी स्कूल के टीचर बनने के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएं और ट्रेनिंग का ज्ञान होना जरूरी है। इसमें मुख्य रूप से उच्च माध्यमिक शिक्षा और विशेष शिक्षण प्रशिक्षण शामिल है।

आवश्यक डिग्री

प्राइमरी टीचर बनने के लिए सबसे पहले आपको उच्च माध्यमिक शिक्षा (12वीं कक्षा) पास करनी होती है। यह किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से पूरा किया जाना चाहिए।

इसके बाद बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed), बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (BTC) या डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) की डिग्री होना आवश्यक है। यह डिग्री प्राइमरी टीचर की योग्यता में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बी.एड. की डिग्री अनिवार्य न्यूनतम योग्यता है, जबकि डी.इ.एल.एड. और बीटीसी अमूमन दो साल का पाठ्यक्रम होता है।

टीचिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

शिक्षक बनने के लिए बी.एड या डी.इ.एल.एड कोर्स के अलावा, टीचिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी करना होता है। इसमें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और क्लासरूम मैनेजमेंट के महत्वपूर्ण सिद्धांत सिखाए जाते हैं।

इसके लिए आपको प्राइमरी स्कूल के टीचर बनने के तरीकों पर ध्यान देना चाहिए। इन पाठ्यक्रमों में बच्चों की साइकोलॉजी, शिक्षण विधियों और प्रधानाध्यापक के कर्तव्यों पर भी शिक्षण दिया जाता है।

प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के रूप में आपको कुछ समय स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना पड़ेगा, जिससे आपको वास्तविक अनुभव मिलेगा। यह प्रशमन आपके टीचर बनने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

पेशेवर पात्रता परीक्षाएं

प्राइमरी स्कूल के टीचर बनने के लिए कुछ प्रमुख पेशेवर पात्रता परीक्षाएं होती हैं। इनमें से सीटीईटी और टीईटी दो महत्वपूर्ण परीक्षाएं हैं। ये परीक्षाएं आपके ज्ञान और शिक्षण क्षमताओं को मापती हैं तथा सरकारी या निजी स्कूलों में टीचर बनने के रास्ते खोलती हैं।

सीटीईटी (CTET)

सीटीईटी या Central Teacher Eligibility Test केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा संचालित की जाती है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करना आवश्यक है यदि आप केंद्रीय विद्यालय या नवोदय विद्यालय जैसे केंद्रीय सरकारी स्कूलों में टीचर बनना चाहते हैं।

सीटीईटी परीक्षा में दो पेपर होते हैं:

  • पेपर I: कक्षा 1 से 5 तक के लिए
  • पेपर II: कक्षा 6 से 8 तक के लिए
  • प्रत्येक पेपर में बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) होते हैं। सीटीईटी की तैयारी के लिए आप NCERT की किताबें, शिक्षण विधियों और बाल विकास जैसे विषयों का अध्ययन कर सकते हैं। सीटीईटी की वैधता सात साल की होती है और आप इसे अनलिमिटेड बार दे सकते हैं।

टीईटी (TET)

टीईटी या Teacher Eligibility Test राज्य स्तर पर संचालित की जाती है। हर राज्य अपना खुद का टीईटी आयोजित करता है जैसे यूपी-टीईटी (उत्तर प्रदेश), एमपी-टीईटी (मध्य प्रदेश), आदि। टीईटी पास करना आवश्यक है यदि आप राज्य के सरकारी स्कूलों में टीचर बनना चाहते हैं।

टीईटी परीक्षा भी दो पेपरों में होती है:

  • पेपर I: कक्षा 1 से 5 तक के लिए
  • पेपर II: कक्षा 6 से 8 तक के लिए

टीईटी की तैयारी में राज्य के पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों का अध्ययन करना आवश्यक है। यह परीक्षा भी बहुविकल्पीय प्रश्नों के फॉर्मेट में होती है। टीईटी का सर्टिफिकेट भी सामान्यत: सात साल के लिए वैध होता है।

इन परीक्षाओं को सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करने पर आप प्राइमरी स्कूल के टीचर बन सकते हैं। उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने में ये परीक्षाएं आपकी मदद करती हैं तथा एक सफल शिक्षण करियर की शुरुआत करने में सहायक होती हैं।

स्किल्स और व्यक्तिगत गुण

प्राइमरी स्कूल के टीचर बनने के लिए आपके पास कुछ विशेष स्किल्स और व्यक्तिगत गुण होने चाहिए।

संचार कौशल

आपको बच्चों से प्रभावी ढंग से बात करने में सक्षम होना चाहिए। आपके स्पीच और बॉडी लैंग्वेज से आपका आत्मविश्वास झलकना चाहिए।

सहनशीलता और धैर्य

बच्चों के साथ काम करते समय आपको धैर्य और सहनशीलता की जरूरत होती है। बच्चों की गलतियों को सही ढंग से सुधारना बहुत ज़रूरी है।

लेखन और पढ़ाने की कला

प्राइमरी टीचर के रूप में लिखने और पढ़ाने की कला का ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है। आपको सरल और रोचक तरीकों से शिक्षा देने की क्षमता होनी चाहिए।

आयोजन और प्रबंधन

कक्षा के वातावरण को व्यवस्थित रखने के लिए आयोजन और प्रबंधन की अच्छी क्षमता होनी चाहिए। चीजों को प्लान और व्यवस्थित करने में महारत होनी चाहिए।

नवाचारी सोच

बच्चों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपको नवीन और रचनात्मक तरीकों की जरूरत होती है।

समस्या सुलझाने की क्षमता

कक्षा में आने वाली समस्याओं का तुरंत और प्रभावी समाधान निकालने की क्षमता होनी चाहिए।

इन गुणों और स्किल्स की जानकारी और अभ्यास से आप एक सफल प्राइमरी स्कूल टीचर बन सकते हैं।

नौकरी के अवसर और विकास

प्राइमरी स्कूल के टीचर कैसे बनें में बहुत से मौके और विकास की संभावनाएं होती हैं। प्राइमरी शिक्षक बनने के बाद, सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों दोनों में नौकरी मिल सकती है। सरकारी क्षेत्र में, सरकारी टीचर का पद प्राप्त करके आपको स्थाई नौकरी और आकर्षक वेतन मिलता है। प्रधानाध्यापक बनने तक का मौका होता है, जिससे आपकी जिम्मेदारी बढ़ती है और वेतन भी। नीचे कुछ नौकरी के अवसर और संभावनाओं की सूची है:

  • प्राइमरी शिक्षक: शुरुआती स्तर पर ही बहाल होते हैं
  • वरिष्ठ शिक्षक: कुछ वर्षों के अनुभव के बाद
  • प्रधानाध्यापक: स्कूल प्रशासन में नेतृत्व पद

प्राइमरी शिक्षक के रूप में, आप अपने क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार के कोर्सेज कर सकते हैं जिससे आपकी स्किल्स और जॉब प्रॉस्पेक्ट्स बढ़ें।

प्रमुख कोर्सेज:

  1. डीएलएड
  2. बीटीसी
  3. बीएड

काम के साथ ही, शिक्षा में आगे बढ़ने और प्रशांत माहौल में काम करने का अवसर मिलता है। आप प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग ले सकते हैं, जैसे कि CTET और TET, जो आपके करियर को और बढ़ावा देंगे।

प्राइमरी शिक्षक बनने के सर्टिफिकेट और एक्सपीरियंस आपको विदेशी स्कूलों में भी काम करने का अवसर देता है। इंटरनेशनल स्कूल और जॉब एक्सचेंज प्रोग्राम्स के जरिए भी अपने करियर का विकास कर सकते हैं। अपने कौशल और योग्यताओं को बढ़ाना आपके करियर में मजबूत स्थिरता और विकास लाता है।

संबंधित संस्थान और उनकी भूमिका

प्राइमरी टीचर बनने के लिए कई संस्थान और उनकी भूमिकाएं अहम होती हैं। कुछ मुख्य संस्थान और उनकी भूमिकाएं इस प्रकार हैं:

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE):

NCTE द्वारा शिक्षण संस्थानों को मान्यता दी जाती है। ये संस्थान प्राइमरी टीचर प्रशिक्षण कोर्स संचालित करते हैं।

  • बी.एड (B.Ed)
  • डी.एल.एड (D.El.Ed)
  • एन.टी.टी (NTT)
  • बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (BTC)

राज्य शिक्षा संस्थान:

राज्यों में विभिन्न शिक्षा संस्थान होते हैं जो प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स संचालित करते हैं। राज्य स्तरीय परीक्षा और कोर्स राज्य शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं।

केंद्र सरकार वाले संस्थान:

केंद्रीय सरकारी संस्थानों में केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) प्रमुख हैं। यहाँ पर शिक्षक की भर्ती के लिए परीक्षाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं।

डी.आई.ई.टी (DIET):

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (District Institute of Education and Training) प्राइमरी टीचर बनने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

इग्नू (IGNOU):

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय प्राइमरी टीचर प्रशिक्षण के लिए विभिन्न डिग्री और डिप्लोमा कोर्स प्रदान करता है। ये कोर्स दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी किए जा सकते हैं। इन संस्थानों की भूमिका विभिन्न स्तरों पर होती है, जैसे कि प्रशिक्षण कार्यक्रम, योग्यता परीक्षा, और प्रमाणन। इनके माध्यम से आप प्राइमरी टीचर बनने की जरूरतें पूरी कर सकते हैं और अपनी योग्यता प्रमाणित कर सकते हैं।

राज्य या केंद्र सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षाएं आयोजित होती हैं। जैसे कि आप ETE कोर्स करके भी प्राथमिक शिक्षक बन सकते हैं। हर संस्थान की भूमिका और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं और कोर्सेस आपको रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद करते हैं। ये संस्थान आपके करियर पथदर्शक होते हैं।

प्राइमरी टीचर बनने के लाभ

प्राइमरी टीचर बनना कई मायनों में लाभदायक होता है। इसके कई लाभ हैं जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ नीचे दिए गए हैं:

  • स्थिर नौकरी: प्राइमरी टीचर की नौकरी सुरक्षित होती है क्योंकि यह सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूलों में होती है।
  • आर्थिक सुरक्षा: प्राइमरी टीचर की सैलरी अच्छी होती है, सामान्यतः 40,000 रूपये प्रति महीना होती है।
  • समाज में सम्मान: शिक्षक का समाज में बहुत सम्मान होता है। लोग गुरु को उच्च रूप में देखते हैं और उनका आदर करते हैं।
  • शिक्षा का अवसर: शिक्षक के रूप में आप बच्चों को पढ़ाने का मौका पाते हैं और यह काम आत्मसंतुष्टि देने वाला होता है।
  • कार्य समय: स्कूल का समय नियमित और सीमित होता है। इससे आपको व्यक्तिगत जीवन के लिए भी समय मिलता है।
  • छुट्टियां: शिक्षकों को स्कूल की छुट्टियों का लाभ मिलता है, जैसे गर्मियों की छुट्टियां और त्यौहारों की छुट्टियां।
  • निरंतर अध्ययन: शिक्षक बनकर आप भी निरंतर कुछ नया सीखते हैं और अपने ज्ञान को अद्यतित रखते हैं।
  • करियर ग्रोथ: शिक्षकों के लिए करियर में आगे बढ़ने के भी कई अवसर होते हैं, जैसे कि वरिष्ठ टीचर या स्कूल प्रधानाध्यापक बनना।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्राइमरी टीचर बनने के लिए आपको कुछ खास शैक्षिक योग्यताएँ और प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। यहां उन सवालों के जवाब दिए गए हैं जो अक्सर पूछे जाते हैं।

प्राइमरी टीचर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है??

प्राइमरी टीचर बनने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 पास होना आवश्यक है। इसके साथ ही, आपको प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण (ETE), बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (BTC) या बी.एड डिग्री जैसे कोर्स करने होते हैं।

सरकारी प्राइमरी टीचर बनने के लिए मुख्य चयन प्रक्रिया क्या है?

सरकारी प्राइमरी टीचर बनने के लिए आपको राज्य या केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करनी होती है। उसके बाद इंटरव्यू और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी की जाती है।

प्राइमरी टीचर के रूप में करियर की शुरुआत करने हेतु बी.एड डिग्री की आवश्यकता है या नहीं?

प्राइमरी टीचर बनने के लिए बी.एड डिग्री की आवश्यकता होती है। कुछ राज्य सरकार ETE को भी मान्यता देती हैं जो बी.एड के समकक्ष है।

प्राइमरी टीचर के पदों के लिए आयु सीमा क्या निर्धारित है?

प्राइमरी टीचर के पदों के लिए सामान्यतः न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष होती है। सरकारी नियम और राज्य की नीतियों के अनुसार आयु सीमा में कुछ छूट भी हो सकती है।

बी.ए के पश्चात् टीचर बनने की प्रक्रिया किस प्रकार की होती है?

बी.ए उपाधि प्राप्त करने के बाद, आपको बी.एड कोर्स करना होता है। इसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करनी होती है। फिर आप इंटरव्यू और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद शिक्षक पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

12वीं कक्षा के बाद प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए कौन कौन से कोर्स उपलब्ध हैं?

12वीं कक्षा के बाद आप प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण (ETE) कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (D.El.Ed) और बी.एड जैसे कोर्स भी उपलब्ध हैं।

प्राइमरी टीचर बनने की प्रक्रिया को सही तरीके से अपनाने से, आप न केवल एक सफल शिक्षक बन सकते हैं बल्कि समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह करियर न केवल आपको सम्मान और संतोष देता है बल्कि बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी अवसर प्रदान करता है।

हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा और आपको आपके करियर के इस महत्वपूर्ण निर्णय में मदद करेगा।



 

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सरकारी टीचर कैसे बने? योग्यता, सैलरी, एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया  https://www.smartstudentlife.com/sarkari-teacher-kaise-bane-salary-exam-pattern-selection/ https://www.smartstudentlife.com/sarkari-teacher-kaise-bane-salary-exam-pattern-selection/#comments Mon, 09 Sep 2024 09:35:42 +0000 https://www.smartstudentlife.com/?p=180 Read more]]> सरकारी टीचर कैसे बनें? ये सवाल कई विद्यार्थियों के मन में आता है, आपके भी आया होगा, है ना? आइये आज सरकारी शिक्षकों के बारे में कुछ जानते हैं।

एक शिक्षक का पद बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, एक शिक्षक ही होता है जो विद्यार्थियों में ज्ञान बांटता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है कि वो आगे चलकर विभिन्न प्रकार के व्यवसायों को चुनें और अपना करियर बनाएं। इस करण से एक शिक्षक का ओहदा समाज में बहुत ही उच्च माना जाता है और शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है।

यदि आप सरकारी टीचर बनना चाहते हैं, या सरकारी टीचर के बारे में जानकारी चाहते हैं? इससे संबंधित सारी जानकारी हम इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने की कोशिश किए हैं| जो भी इच्छुक अभ्यर्थी इस प्रतिष्ठित पद को प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए यह एक मददगार जानकारी विस्तृत रूप में प्रस्तुत की गई है

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सरकारी टीचर कौन होता है?

सरकारी टीचर वे शिक्षक होते हैं जो सरकारी स्कूलों या सरकारी कॉलेजों में नियुक्त होते हैं। इन्हें सरकारी संस्थानों द्वारा नियुक्त किया जाता है और उनकी वेतन और अन्य सुविधाएँ सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं। ये शिक्षक स्कूली और कॉलेजीय स्तर पर विभिन्न विषयों में शिक्षा प्रदान करते हैं।

सरकारी टीचर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है? सरकारी टीचर के लिए योग्यताएं

सरकारी टीचर बनने के लिए आमतौर पर निम्नलिखित योग्यताएं आवश्यक होती हैं:

  • शैक्षिक योग्यता: आपको उस शिक्षा योग्यता की आवश्यकता होती है जो आपके इच्छित पद के लिए निर्धारित की गई हो। 
  • दसवीं कक्षा पास करें- अगर आपको साइंस टीचर बनना है तो दसवीं कक्षा साइंस से उत्तीर्ण करें|
  • 12वीं (इंटरमीडिएट)- आप अपने मनपसंद सब्जेक्ट का चुनाव करके अच्छे अंक से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करें!
  • स्नातक (ग्रेजुएशन) डिग्री- अगर आप टीचर बनना चाहते हैं तो स्नातक की डिग्री ( BA./BSc./BCom ) उत्तीर्ण करें | तथा स्नातक के बाद एजुकेशनल कोर्स करें –

एजुकेशनल कोर्स करें

  • B.Ed.( Bachelor of Education)-  यह 2 साल का टीचर ट्रेनिंग डिग्री कोर्स हैI स्नातक के बाद आप B.Ed करके CTET, STET, TET एग्जाम पास करके सरकारी टीचर या निजी कॉलेज या स्कूलों में आप अध्यापन का कार्य कर सकते हैं
  • BTC(बीटीसी)- यह 2 साल का कोर्स है, यह NCTE (नेशनल कौंसिल ऑफ़ टीचर एजुकेशन) द्वारा मान्यता प्राप्त है यह कोर्स करने के बाद आप प्राइमरी टीचर ( कक्षा 1 से 5 ) के लिए योग्य होंगे|
  • D.El.Ed.( diploma in elementary education )- यह 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है यह एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षक कोर्स है इसे पूरा करने के बाद आप CTET और STET परीक्षा देकर प्राइमरी और सेकेंडरी टीचर बन सकते हैं 
  • शिक्षक पात्रता परीक्षा: इसके लिए आपको शिक्षक पात्रता परीक्षा (जैसे TET, CTET, STET) उत्तीर्ण करना होगा। यह परीक्षा आपकी शिक्षा योग्यता और शिक्षण कौशलों का मूल्यांकन करती है।
  • TET (Teacher Eligibility Test): TET एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो शिक्षक भर्ती की पात्रता को मापने के लिए होती है। यह  राज्य स्तर पर भी आयोजित होती है। TET को उत्तीर्ण करने के बाद, अभ्यर्थी विभिन्न सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों में शिक्षक के पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • CTET (Central Teacher Eligibility Test): CTET भारतीय केंद्रीय विद्यालय संगठन (CBSE) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो केंद्रीय स्कूलों के शिक्षक भर्ती की पात्रता को मापती है। यह परीक्षा प्राथमिक स्तर और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए आयोजित होती है। 
  • STET (State Teacher Eligibility Test): STET विभिन्न राज्यों में आयोजित होने वाली एक परीक्षा है जो राज्य स्तर पर STET उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अपने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक के पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • अनुभव (experience): कुछ पदों के लिए अनुभव भी आवश्यक हो सकता है। विशेषकर उच्च शिक्षा या विशेष विषयों में शिक्षक पदों के लिए अनुभव प्राथमिकता हो सकती है।
  • शिक्षण कौशल: आपके पास अच्छे शिक्षण कौशल होने चाहिए। इसमें शिक्षा प्रणाली को समझना, विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त पाठ योजना तैयार करना, और उन्हें विभिन्न शिक्षा विधियों से सम्मोहित करना शामिल है।
  • अच्छी भाषा कौशल: शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने के लिए अच्छी भाषा कौशल (जैसे हिंदी, अंग्रेजी या राज्य भाषा) आवश्यक होती है।
  • कार्यालयिक क्षमता: सरकारी टीचर होने के लिए कार्यालयिक क्षमता भी आवश्यक होती है, जैसे कि प्रशासनिक कार्य, छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ संबंध बनाए रखने की क्षमता।

सरकारी टीचर भर्ती के एग्जाम पैटर्न व सेलेबस!

  • भारत में सरकारी टीचर बनने के लिए विभिन्न भर्ती प्रक्रियाएं होती हैं, जिसमें कई एग्जाम शामिल हो सकते हैं। यह एग्जाम्स शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test, TET) शामिल हो सकती है
  • TET (Teacher Eligibility Test) एक प्रमाणन परीक्षा है जो भारत में शिक्षक बनने के लिए लिया जाता है। यह परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित होती है

TET  के पैटर्न में आमतौर पर दो पेपर्स होते हैं – पेपर 1 और पेपर 2।

  • पेपर 1: यह पेपर प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए होता है। इसमें बच्चों की कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा देने वाले उम्मीदवारों की योग्यता को मापा जाता है। पेपर 1 में विषय होते हैं जैसे कि बाल विकास और प्रारंभिक गणित और विज्ञान, भाषा और सामाजिक अध्ययन।
  • पेपर 2: यह पेपर उच्च प्राथमिक स्तर और माध्यमिक स्तर के शिक्षकों के लिए होता है। इस पेपर में विषय होते हैं जैसे कि बाल विकास और गणित और विज्ञान (जो गणित और विज्ञान में विशेषज्ञता रखने वाले शिक्षकों के लिए होता है), भाषा और सामाजिक अध्यय
  • STET (State Teacher Eligibility Test) का एग्जाम सिलेबस भारतीय राज्यों द्वारा आयोजित किया जाता है और यह राज्यों के शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर परीक्षाओं के रूप में आयोजित किया जाता है। इसमें 2 पेपर होते है प्रत्येक पेपर 2घंटे 30 मिन के होते है 

Bihar STET के सिलेबस में आमतौर पर निम्नलिखित विषय शामिल होते हैं:

पेपर I  (प्राथमिक स्तर): (कक्षा 9- 10) (total 150marks पर 150प्रश्न )

  • Specific subject – 100 marks 
  • शिक्षण विधियाँ और अन्य GK reasoning – 50 marks 

STET पेपर II (उच्च प्राथमिक स्तर): (कक्षा 11 – 12) (total 150marks पर 150प्रश्न )

  • Specific subject – 100 marks 
  • शिक्षण विधियाँ और अन्य GK reasoning – 50 marks
  • CTET (Central Teacher Eligibility Test) का एग्जाम सिलेबस यह दो भागों में विभाजित होता है: प्राथमिक स्तर (पेपर 1) 150 प्रश्न 150 नंबर के और उच्च प्राथमिक स्तर (पेपर 2)। यह भी 150 प्रश्न 150 नंबर के परीक्षा टीचिंग क्षेत्र में शिक्षकों की योग्यता को मापने के लिए होती है

पेपर 1 (प्राथमिक स्तर): (कक्षा 1- 5)

  • बाल विकास और शिक्षा शास्त्र 
  • भाषा I ( हिंदी )
  • भाषा II (अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू)
  • गणित 
  • सामाजिक अध्ययन आदि।

पेपर 2 (उच्च प्राथमिक स्तर): (कक्षा 6 – 8)

  • बाल विकास और शिक्षा शास्त्र
  • भाषा I ( हिंदी )
  • भाषा II (अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू)
  • गणित और विज्ञान (विज्ञान और गणित विशेषक), 
  • सामाजिक अध्ययन आदि।

सिलेबस के विवरण और अधिक जानकारी के लिए राज्य आधारित STET एवं TET के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट जैसे UP Tet अथवा Bihar Tet पर जाकर नवीनतम सिलेबस और पैटर्न देख सकते हैं।

सरकारी टीचर कैसे बने?

सरकारी टीचर बनने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो किया जा सकता है:

  • शिक्षा योग्यता प्राप्त करें: सबसे पहले आपको वह शिक्षा योग्यता हासिल करनी होगी जो आपके इच्छित पद के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, प्राथमिक शिक्षा के लिए बीएड (B.Ed) या D.El.Ed, माध्यमिक शिक्षा के लिए बीएड या शिक्षण संस्थान से मान्यता प्राप्त अन्य पाठ्यक्रम।
  • शिक्षक पात्रता परीक्षा दें: बहुत सारे शिक्षक पात्रता परीक्षाएं (जैसे TET, CTET, STET) होती हैं जिन्हें उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है। यह परीक्षाएं आपके शिक्षक बनने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होती हैं।
  • अध्यापकता के लिए तैयारी करें: उत्तीर्ण होने के बाद, आपको अध्यापकता के लिए तैयारी करनी होगी। यह आपके शिक्षण कौशलों को सुधारेगी और आपको शिक्षा देने की क्षमता प्राप्त करेगी।
  • आवेदन करें: जब आपकी पात्रता पुष्टि हो जाए, तो आप सरकारी शिक्षा विभाग या उस राज्य/क्षेत्रीय सरकार के वेबसाइट पर जाकर अपने आवेदन दे सकते हैं। आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी का पूरा विवरण प्राप्त करें।
  • नियुक्ति प्राप्त करें: जब आपका चयन हो जाएगा, तो आपको नौकरी मिल जाएगी। सरकारी नौकरियों में आपको आधिकारिक तौर पर नियुक्ति प्राप्त होती है और उसके साथ ही आपको संबंधित अन्य लाभ भी मिलते हैं।
  • यह स्टेप्स अलग-अलग राज्यों और संस्थाओं के लिए थोड़े भिन्न हो सकते हैं, इसलिए आप अपने इच्छित पद के लिए स्थानीय शिक्षा विभाग या सरकारी वेबसाइट पर अधिक जानकारी प्राप्त करें।

सरकारी टीचर बनने के लाभ!

सरकारी टीचर बनने के कई लाभ होते हैं। यहां कुछ मुख्य लाभ होते है –

  • नौकरी की स्थिरता: सरकारी टीचर नौकरी आमतौर पर स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करती है। यहां तक कि नौकरी की गारंटी भी हो सकती है।
  • वेतन और भत्ते: सरकारी टीचरों को अच्छे वेतन और अन्य भत्ते (जैसे पेंशन, मेडिकल इत्यादि) मिलते हैं जो उनके व्यक्तिगत और परिवारिक आर्थिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
  • समाज सेवा: टीचर का कार्य समाज सेवा के रूप में भी माना जाता है, क्योंकि वे अपने ज्ञान और कौशल को युवाओं को शिक्षा देने के माध्यम से समाज के विकास में मदद करते हैं।
  • विभिन्न अवसर: सरकारी टीचरों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सेमिनारों में भाग लेने का मौका मिलता है, जिससे उनके शिक्षण कौशल में सुधार होता है|
  • पेंशन और लाभ: सरकारी नौकरी में शामिल होने से अधिकांश लोग अपने वृद्धावस्था में भी विभिन्न लाभों का आनंद उठा सकते हैं, जैसे कि पेंशन और अन्य सम्माननीय लाभ।

इन सभी लाभों के कारण, सरकारी टीचर बनना कई लोगों के लिए एक प्राथमिक चयन होता है।

सरकारी टीचर की सैलरी कितनी होती है?

PRT (प्राइमरी टीचर ) सातवें वेतन आयोग के बाद प्राइमरी शिक्षकों का प्रारंभिक वेतनमान, ग्रेड पे महंगाई भत्ता + HRA, इपीएफ के साथ 35,000 रूपये तक होती है |

TGT ( प्रशिक्षण ग्रेजुएट टीचर) CTET उत्तीर्ण करने वालों की बेसिक सैलरी 44900 तथा  ग्रेड पे 4600, है  सातवें वेतन आयोग के  शुद्ध वेतन (मूल वेतन + TA+HRA) 43,000 से 46,000 तक होती है|

PGT(पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) यूपी पीजीटी वेतन संरचना सातवें वेतन आयोग के तहत 4800 ग्रेड पे तथा रूपये 47,000 से 1,51,100 प्रतिमाह की सैलरी है |

सरकारी टीचर बनने के लिए उम्र सीमा!

  • भारत में, TET (Teacher Eligibility Test) और राज्य के शिक्षा विभाग के नियमानुसार, अधिकतम उम्र सीमा अलग-अलग हो सकती है। TET के लिए न्यूनतम 21 वर्ष पर, शिक्षक बनने के लिए उम्र सीमा 30 वर्ष तक होती है, लेकिन कुछ राज्यों में यह अधिकतम उम्र 35 वर्ष है |
  •  CTET के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है|
  •  प्राइमरी शिक्षकTGT शिक्षक के लिए न्यूनतम आयु 18 से 35 वर्ष है जबकि पोस्टग्रेजुएट टीचर्स के लिए उम्र सीमा 18 से 40 वर्ष होना चाहिए|

सरकारी टीचर बनने में कितने साल लगते हैं?

 सरकारी टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद तीन से चार वर्ष स्नातक डिग्री होती है, इसके बाद एजुकेशन कोर्स के लिए B. Ed या D. EL. Ed में दो वर्ष लगता है, इन सबके बावजूद स्टेट सीटेट क्वालीफाई करने में 1 साल का समय लगता है| इस प्रकार हम कह सकते हैं 12वीं के बाद आपकी शैक्षिक योग्यता पूरी करने के बाद शिक्षक भर्ती बहाली समय से आने पर 6 से 7 साल में आप सरकारी शिक्षक पद प्राप्त कर सकते हैं|

FAQs

Q- प्राइमरी टीचर की सैलरी?

Ans- सरकारी प्राइमरी टीचर की सैलरी 34,000 मिलते हैं|

Q2- सरकारी टीचर बनने में कुल कितना खर्च आता है?

Ans-  टीचर बनने के लिए खर्च आपके स्नातक डिग्री और कॉलेज पर निर्भर करता है सरकारी संस्थान से   स्नातक डिग्री व एजुकेशनल डिग्री पूरी करने पर कम खर्च लगते हैं|

Q3सरकारी अध्यापक को कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते है?

Ans- सरकारी अध्यापकों को सैलरी के साथ अन्य कई लाभ एवं भत्ते शामिल होते हैं जैसे महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता,परिवहन भत्ता आदि, और 6पेड लीव मैटरनिटी लीव के लाभ होते है 

Q4-  B.Ed कोर्स की फीस?

 Ans- B.Ed की फीस अधिकांश सरकारी कॉलेज में 30,000 एवं प्राइवेट कॉलेज में 80,000 सलाना होती है|

Q5 सरकारी शिक्षक बनने के लिए कौन सा एग्जाम पास करना होगा?

 Ans- सरकारी शिक्षक बनने के लिए आपको विभिन्न सरकारी परीक्षाओं को पास करना होता हैशिक्षक पात्रता परीक्षा (TET): यह परीक्षा राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाती है और केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS), नवोदय विद्यालय संगठन (NVS), और अन्य संगठनों की परीक्षाएं विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए होती है |


 


 

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